Poems

लड़ाई, खुद से खुद की

माँ बाप से लड़ना है।कहना है,माना बीज हूँ मैं इस गर्भ कासींच हूँ तमाम त्याग की,जीवन दिया है आपनेएहसान है बहुत,पर उसे जीने की आज़ादी भी दे। समाज से लड़ना हैं।माना अंश हूँ मैं तेरातेरे इस यम नियम के यज्ञ मेंएक आहुती ही तो हूँ ?संरचना दी है तूनेउपकार हैं बहुतपर पुराने ढर्रों में ना […]

Poems

ईंटों का मकान

एक सुबह आंगन में धूप सेकते हुएएक तितली को उड़ते देखादेख उसे जाते डाल डालसे पात पातमैंने सोचाक्या तितली का भी घर होता होगा?होते मेरे भी पंख अगरक्या मुझे सुहाते ईंटों के घर ?ख्याल उड़ने का तो हैमुझे भी लुभातापर गिरने के डर से मन कुछ सहम सा जाताकभी खुली आंखों से सपने देखती हूँउनमें […]